दीपावली पूजन विधि 2025 जानिए—लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, सही विधि और आरती सहित सम्पूर्ण मार्गदर्शन।
🌟 दीपावली पूजन विधि 2025 | सही समय, सामग्री और मंत्र
✨ भूमिका
दीपावली केवल दीप जलाने का पर्व नहीं, बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर बढ़ने का प्रतीक है। इस दिन लक्ष्मी माता और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और शांति का वास होता है।
2025 में दीपावली का पर्व अमावस्या तिथि को, कार्तिक मास में, बड़ी श्रद्धा से मनाया जाएगा।
🕯️ दीवाली पूजन का शुभ मुहूर्त (2025)
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दीपावली तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
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लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: सायं 6:45 से 8:20 बजे तक (स्थानीय पंचांग अनुसार भिन्न हो सकता है)
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प्रदोष काल: सायं 5:55 से 8:25 तक
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अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर प्रातः 6:05
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अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर प्रातः 4:50
(मुहूर्त अपने नगर के अनुसार स्थानीय पंचांग से अवश्य जाँचें।)
🪔 पूजन की सामग्री
दीपावली पूजन के लिए निम्न सामग्री तैयार रखें —
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चौकी या लकड़ी की पट्टी
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लाल या पीले रंग का कपड़ा
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श्रीगणेश व माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र
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कलश, सुपारी, पान के पत्ते
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रोली, चावल, हल्दी, कुमकुम
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गंगाजल, दूर्वा, पुष्प, धूप-दीप
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पंचमेवा, मिठाई, फूल, नैवेद्य
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11 या 21 दीपक (तेल या घी के)
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नया सिक्का या चांदी का लक्ष्मी-गणेश सिक्का
🙏 पूजन विधि (Step-by-Step)
1️⃣ स्थान की शुद्धि
सबसे पहले घर के मुख्य द्वार और पूजन स्थान को साफ करें। गंगाजल या गौमूत्र से छिड़काव कर शुद्धि करें। द्वार पर रंगोली बनाएं और दीप जलाएं।
2️⃣ श्रीगणेश की पूजा
सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें।
मंत्र:
ॐ गं गणपतये नमः।
धूप-दीप अर्पित कर लड्डू या मोदक चढ़ाएं।
3️⃣ लक्ष्मी पूजन
अब लक्ष्मी माता की प्रतिमा या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें।
मंत्र:
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
फूल, चावल, धूप-दीप, मिठाई अर्पित करें। माता को लाल पुष्प और चांदी का सिक्का चढ़ाएं।
4️⃣ कलश स्थापना
कलश में जल, सुपारी, चावल, पान का पत्ता और सिक्का डालें। नारियल रखकर लाल धागे से बांधें और इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक मानें।
5️⃣ कुबेर देव का पूजन
धन के रक्षक कुबेर देव की भी आराधना करें।
मंत्र:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः।
6️⃣ खाता-पुस्तक व धन का पूजन
व्यवसायी लोग अपने बही-खातों, नकदी व नए खातों की पूजा करते हैं। इससे व्यापार में वृद्धि और सौभाग्य आता है।
7️⃣ आरती
अंत में लक्ष्मी माता और गणेश जी की आरती करें —
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा...
ओम जय लक्ष्मी माता...
दीप जलाकर घर के सभी कोनों में रखें। यह प्रतीक है कि “अंधकार का अंत और उजियारे की शुरुआत” हुई है।
🌸 पूजन के बाद
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लक्ष्मी-गणेश को पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लें।
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दीप जलाकर घर के प्रत्येक कोने में रखें।
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रात में लक्ष्मी-पूजन के बाद भोजन सात्विक और प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
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संभव हो तो इस दिन कोई झगड़ा या कटु वचन न बोलें।
🪙 पूजन का महत्व
दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा केवल धन की प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि शुभ-संकल्प, पवित्रता और आध्यात्मिक प्रकाश के लिए की जाती है। यह पर्व हमें सिखाता है —
“जब मन का दीपक जलता है, तभी सच्चा प्रकाश होता है।”
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